जनता के समर्थन में हुंकार भरती एक सामाजिक-राजनीतिक कविता... जनता के समर्थन में हुंकार भरती एक सामाजिक-राजनीतिक कविता...
राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये। राम मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाये। पर सीता की पीर को ना समझ पाये।
जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, मेरी फसलें डूब गई....... जग की ऊँच नीच ने "शांतनु" पानी का रुख मोड़ दिया .....तेरी मिल तो वहीं खड़ी है, म...
किसी एक देश के अनुभव में किसी एक देश के अनुभव में
कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-सड़क, बीच-सत्यनिष्ठा ... कवि ने किया इस्तेमाल वो पकड़ा गया वो कवि आवारागर्दी के अपराध में बीच-बाज़ार, बीच-...
हम अग्रसर हैं विकास-पथ पर निज गौरव बढ़ रहा है धीरे-धीरे..! हम अग्रसर हैं विकास-पथ पर निज गौरव बढ़ रहा है धीरे-धीरे..!